Thursday, 05 September 2013 02:01
Written by KB News
मेडम मोहिनी की माया... उत्कृष्ट को सजा और... निकृष्ट को आशीर्वाद की छाया
-सेवानिवृत को भी बना दिया संकुल प्रभारी
संजय पी.लोढ़ा
झाबुआ । आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव की कार्य करने की शैली से लगता है वे सिर्फ आफिस में बेठकर ही सारे निर्णय लेती है, जमीनी हकीकत चाहे
कुछ और स्थिति बयां कर रही हो। मामला संकुल केन्द्रो में प्राचार्य एवं व्या�ताओं को आहरण -संवितरण अधिकार से संबंधित आदेश का है जिसमें परीक्षाफल कमजोर मानकर हटाये गये है। बताया जाता है कि इस आदेश में कई स्थानो पर बेहतर कार्य कर रहे प्राचार्यो को हटाकर कमजोर परीक्षाफल देने वाले को साठंगाठं करके एक नही दो जगह का प्रभार दे दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यालय कलेक्टर आदिवासी विकास झाबुआ के आदेश- पत्र क्रंं 5998 दिनंाक 3 जुलाई 13 में बताया गया है कि वर्ष 2012-13 की बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल एवं उमावि शालाओ का परीक्षा कमजोर होने से संकुल प्राचार्य के पद पद पर उत्कृष्ट संस्था के व्या�ताओं को संकुल प्राचार्य के दायित्व से मुक्त कर अन्य प्राचार्यो एवं खंड शिक्षाअधिकारीयों को आहरण संवितरण के अधिकार तत्काल प्रभाव से सौपें जाते है।कसावट लाने वाले को किया रवाना बताया जाता है कि कमजोर परीक्षा परिणाम देने के नाम पर कुछ व्या�ताओं को सिर्फ इसलिये हटाया गया कि वे न केवल अच्छा कार्य कर रहे थे बल्कि औचक निरीक्षण कर लापरवाह शिक्षको पर नकेल क स कर कार्यालयीन समय में स्कुलो में ही रहने के लिए मजबुर कर रहे थे। पेटलावद क्षेत्र के बरवेट हाईस्कूल का मामला एक ऐसे ही कहानी बयां कर रहा है।
यहां संकुल प्राचार्य के पद पर रायपुरिया के व्या�ता मोतीराम मालवीय पदस्थ थे, इनके अल्प कार्यकाल मेंसंस्था की बिगड़ी छवि में जो सुधार आया वो किसी से छिपा नही है। स्कुलो में कसावट लाने के लिए इनके द्वारा लगातार निरीक्षण कर लापरवाहो पर लगाम कस दी थी। इनकी कार्यशैली लापरवाह शिक्षको पर भारी पड़ रही थी , उन्होने खुद की लापरवाह कार्यशैली जारी रखने और संस्था के बच्चों का भविष्य बिगाडऩे का ऐसा जाल बुना कि मेडम को अंघेरें मे रखकर इस संस्था का नाम भी इस आदेश पत्र में जुड़वा दिया।निकृष्ट को एक के साथ दो फ्री
बताया जाता है कमजोर परीक्षा फल देने के नाम पर व्यवस्था में सुधार के लिए जामली क े प्राचार्य औंकारसिंह मैड़ा को जामली के साथ साथ देवली एवं बरवेट हाईस्कूल में संकुल
प्राचार्य का आतिरिक्त प्रभार भी दे दिया है।
जानकारोका कहना है कि जब जामली मेे प्रसाद प्राचार्य थे तब संस्था का परीक्षा परिणाम शतप्रतिशत था , उसके बाद यहा बीईओ सुमनवाष्र्णेय ने चार्ज लिया और परीक्षा परिणाम मे गिरावट आई। बाद में आये औंकारसिंह मैड़ा इनके कार्यकाल में परीक्षा परिणाम और कमजोर हो गया। लेकिन अफसरो के चेहते होने के कारण निकृष्ट परीक्षापरिणाम देने के बाद भी इनको बरवेट एवं देवली में आतिरिक्त चार्ज दे दिया। जबकि देवली में भी भागीरथ साहू अच्छा कार्य कर रहे थे , लेकिन व्यवस्था सुधार के नाम पर व्यवस्था को और बिगाड़ दिया गया है। इस फेरबदल का बरवेट अंचल में भारी विरोध हो रहा है। पालको के साथ ग्रामीणो ने इस मामले में एक संघर्ष समिति बनाने का भी ऐलान किया है। ग्रामीणो का कहना है कि तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है, अगर यहां व्यवस्था में सुधार ही लाना है तो यहां किसी स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति की जाए। ग्रामीणो ने इस संबध में कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत को भी अवगत कराते हुए मांग की है कि उक्त आदेश को संशोधित करते हुए यहां के बिगड़े ढर्रे को सुधारने में मदद की जाए। नही तो ग्रामीणो को आंदोलन के लिए मजबुर होना पड़ेगा।बाक्स में लगाएसेवा निवृत को भी बना दिया संकुल प्र ाारी
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चापलुस सलाहकारो की बात पर भरोसा करके सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव ने आदेश पर हस्ताक्षर भी बिना सुची देखे कर दिये, क्योंकि इस सुचि में एक सेवानिवृत प्रधान पाठक को भी संकुल प्रभारी बनाने के आदेश दिये गये है।बताया जाता है प्रधान पाठक जगन्नाथ पटेल मार्च में ही इस संस्था से सेवानिवृृृत हो चुके है,लेकिन अंधेर नगरी और चौपट राजा की तर्ज पर फाईलो पर दस्तखत हो जाते है। इसी आदेश में श्री पटेल को संकुल प्रभारी का दायित्व भी दिया गया है।